श्याम सँग सखी खेलत होरी ।
तर भई तन मन श्याम रंग से ,
सुकचत लरजत थोरी थोरी ।
ओढे जो सँसार चुनरिया ,
धर दीनी कोरी की कोरी ।
श्याम सँग सखी खेलत होरी ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
तर भई तन मन श्याम रंग से ,
सुकचत लरजत थोरी थोरी ।
ओढे जो सँसार चुनरिया ,
धर दीनी कोरी की कोरी ।
श्याम सँग सखी खेलत होरी ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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