कास गंज की घटना
उतार दिया लोहा उसके सीने में,
निकला नाम वन्देमातरम जिस सीने से।
हाय गणतंत्र हाय हाय री आजादी ,
गली गली घूम रहे आज जिहादी ।
चलते आज बेख़ौफ़ देश मे ,
राष्ट्र प्रेम की लिए सुपारी ।
आज़ादी अभिव्यक्ति को लेकर ,
करते थे कल जो बातें बड़ी बड़ी ।
चुप क्यों है वो सारे बुद्धि धारी ।
माना बंदेमातरम उनका एजेंडा है,
पर हाथ लिए तो वो तिरंगा हैं ।
उठा रहे वो उस ध्वजा ध्वज को,
जिसकी खातिर वीरों ने जान लगा दी ।
आज़ाद हिंद की यह कैसी आज़ादी ,
आज़ादी आज बनी लाचारी ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
उतार दिया लोहा उसके सीने में,
निकला नाम वन्देमातरम जिस सीने से।
हाय गणतंत्र हाय हाय री आजादी ,
गली गली घूम रहे आज जिहादी ।
चलते आज बेख़ौफ़ देश मे ,
राष्ट्र प्रेम की लिए सुपारी ।
आज़ादी अभिव्यक्ति को लेकर ,
करते थे कल जो बातें बड़ी बड़ी ।
चुप क्यों है वो सारे बुद्धि धारी ।
माना बंदेमातरम उनका एजेंडा है,
पर हाथ लिए तो वो तिरंगा हैं ।
उठा रहे वो उस ध्वजा ध्वज को,
जिसकी खातिर वीरों ने जान लगा दी ।
आज़ाद हिंद की यह कैसी आज़ादी ,
आज़ादी आज बनी लाचारी ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
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