न चले जब शास्त्र से काम,
तब शस्त्र उठाने होता है ।
देश बचाना होता है,
धर्म बचाना होता है।
गीता को अपनाना होता है।
चाणक्य को जागना होता है।
बन राम धनुष उठाना होता है।
वीर शिवा सा बन जाना होता है।
परवाह नही तब प्राण की,
हर शत्रु से टकराना होता है।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@ .......
तब शस्त्र उठाने होता है ।
देश बचाना होता है,
धर्म बचाना होता है।
गीता को अपनाना होता है।
चाणक्य को जागना होता है।
बन राम धनुष उठाना होता है।
वीर शिवा सा बन जाना होता है।
परवाह नही तब प्राण की,
हर शत्रु से टकराना होता है।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@ .......
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