सोमवार, 5 मार्च 2018

आज का परिदृश्य

आज का परिदृश्य

आज फिर राम राज्य लाना होगा।
 लँका जला रावण नाभि सुखाना होगा ।
 हे राम तुम्हे फिर वापस आना होगा ।
 अब रावण फैले कदम कदम ,
 एक कमान कई तीर चढ़ाना होगा।
आज बहुत हुए आतताई ।
 नही सुरक्षित बहने और माई ।
  कैकई को आँगे आना होगा ।
 सीता को फिर वन जाना होगा ।
 
हे राम तुम्हे फिर .....
 ....विवेक दुबे"निश्चल"@....

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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