हे मातृभूमि तुझे प्रणाम ।
वीर शहीदों सा हो मेरा नाम ।
मैं आऊँ एक दिन तेरे काम ।
तेरी सीमाओं का ,
रक्त से अपने अभिषेक करूँ ।
तेरी माटी को में शीश धरूँ ।
प्रण प्राणों से हो तेरी रक्षा ,
ऐसा एक काम करूँ ।
तुझे ताकती बुरी नजर के ,
सीने में मैं बारूद भरूँ ।
हे मातृ भूमि तुझे प्रणाम करूँ ।
वीर शहीदों जैसे मैं भी काम करूँ ।
तेरे कदमो में अपने प्रण प्राण धरूँ ।
.....जय हिन्द ....
.....विवेक दुबे "निश्चल"@......
वीर शहीदों सा हो मेरा नाम ।
मैं आऊँ एक दिन तेरे काम ।
तेरी सीमाओं का ,
रक्त से अपने अभिषेक करूँ ।
तेरी माटी को में शीश धरूँ ।
प्रण प्राणों से हो तेरी रक्षा ,
ऐसा एक काम करूँ ।
तुझे ताकती बुरी नजर के ,
सीने में मैं बारूद भरूँ ।
हे मातृ भूमि तुझे प्रणाम करूँ ।
वीर शहीदों जैसे मैं भी काम करूँ ।
तेरे कदमो में अपने प्रण प्राण धरूँ ।
.....जय हिन्द ....
.....विवेक दुबे "निश्चल"@......
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