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सायली छंद
चाहत
अम्बर की
धरती होने की
धुंधली साँझ
सजाती ।
चाहत
धरती की
अम्बर होने की
भोर उजाला
लाती ।
सितारे
चँचल से
पर "निश्चल" से
दूर गगन
खड़े ।
साँझ
का झुरमुट
चाँद की आस
एक अधूरी
प्यास
..विवेक दुबे"निश्चल"@...
सायली छंद
चाहत
अम्बर की
धरती होने की
धुंधली साँझ
सजाती ।
चाहत
धरती की
अम्बर होने की
भोर उजाला
लाती ।
सितारे
चँचल से
पर "निश्चल" से
दूर गगन
खड़े ।
साँझ
का झुरमुट
चाँद की आस
एक अधूरी
प्यास
..विवेक दुबे"निश्चल"@...
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