409
उन्मुक्त
आकाश में ,
रिक्त कुछ आकांक्षाएं ।
भटक रहीं
इच्छाएं ।
....
वक़्त
गुजरता गया
हालात बदलता गया
मैं क्यों
"निश्चल"
....
वक़्त
गुजरता गया
हालात बदलता गया
बदला नहीं
"निश्चल"
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
दुआ ,
मिलने की ,
क्यों पिघलती नही
सोचकर सोचता ,
यही ।
पैमाना ,
कैसा है ।
इन दूरियों का ,
बदलता नही ,
कभी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
उन्मुक्त
आकाश में ,
रिक्त कुछ आकांक्षाएं ।
भटक रहीं
इच्छाएं ।
....
वक़्त
गुजरता गया
हालात बदलता गया
मैं क्यों
"निश्चल"
....
वक़्त
गुजरता गया
हालात बदलता गया
बदला नहीं
"निश्चल"
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
दुआ ,
मिलने की ,
क्यों पिघलती नही
सोचकर सोचता ,
यही ।
पैमाना ,
कैसा है ।
इन दूरियों का ,
बदलता नही ,
कभी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें