24
मन चाहत जा वाबरी ,मन चाहे ना होय ।
दास करे बस चाकरी ,दाता चाहे होय ।
25
चलता जा तू आप से, आपन को तू खोय ।
मिलता है सब भाग से, भाग विधाता होय ।
26
जीवन है सब राम का,दियो राम में खोय ।
मिलता है सब आप से,मांगत कछु ना कोय ।
27
रीती नैनन गाघरी , आस पिया की जोह ।
आएंगे फिर साँझ को,थाम प्रीत की डोर ।
28
दास बन राम चरण का,चित्त समा आभास ।
वो ही पार उतारते ,तू "निश्चल"कर विश्वास ।
... *विवेक दुबे"निश्चल"*@..
डायरी 6
मन चाहत जा वाबरी ,मन चाहे ना होय ।
दास करे बस चाकरी ,दाता चाहे होय ।
25
चलता जा तू आप से, आपन को तू खोय ।
मिलता है सब भाग से, भाग विधाता होय ।
26
जीवन है सब राम का,दियो राम में खोय ।
मिलता है सब आप से,मांगत कछु ना कोय ।
27
रीती नैनन गाघरी , आस पिया की जोह ।
आएंगे फिर साँझ को,थाम प्रीत की डोर ।
28
दास बन राम चरण का,चित्त समा आभास ।
वो ही पार उतारते ,तू "निश्चल"कर विश्वास ।
... *विवेक दुबे"निश्चल"*@..
डायरी 6
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