सोमवार, 13 अगस्त 2018

ॐ नमः शिवायः

   ।।ॐ नमः शिवायः।।

श्रवण मास शिव भजकर ।
लोभ मोह को तजकर ।

चल तू शरण शिव की  ,
भक्ति भाव से खुद तरकर ।

 दाता हैं शिव त्रिपुरारी ,
 हरदम देते झोली भरकर ।

कटते सारे शूल जगत के ,
जपता चल बस हर हर ।

 मुक्त रहे मन भय काल से ,
 दर्शन तू महाकाल के कर ।

 अनाथ नही है तू जग में ,
 नाथ खड़े विश्वनाथ बनकर ।

 पाता है मन वो सोम समान ,
बसे ध्यान जिसके सोमेश्वर ।

राम कहाँ है दूर कभी उससे ,
नित जाप करे जो रामेश्वर ।

 चलता चल शिव छाँव तले ,
"निश्चल" मन हर हर कर ।

 "निश्चल" मन हर हर कर ।

    ।।ॐ नमः शिवायः।।

... विवेक दुबे"निश्चल"@...

Blog post 13/8/18

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