रविवार, 12 अगस्त 2018

घनश्याम छंद

घनश्याम छंद
विधान- [जगण जगण भगण भगण भगण गुरु]
(121  121,   211   211   211 2)
16 वर्ण, यति 6,10 वर्णों पर, 4 चरण,
2-2 चरण समतुकांत।



                       
चला चल जीव, ये बस जीवन साधन हो ।
खिलें बस फूल, ये हर जीवन पावन हो ।
 मिलें पथ मीत, तो क्षण ये मन भावन सो ।
 बसे हर जीव, तो कण ये मन मोहन सो ।

बसी मन प्रीत, चाह नही अब ये कम हो ।
रचे मन गीत,  साथ चलें जब प्रीतम हों ।
पिया मन झूम, साज गढ़े सुर ये तन तो ।
हिया मन मीत, दूर नही अब ये मन तो ।

... विवेक दुबे"निश्चल"@.....
Blog post 12/8/18

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