होंसले न लो कभी ,
ज़िगर के होंसलों से ।
टूट जाते हैं सभी ,
टूटते घोंसलों से ।
सिमट कर अपने ,
बनाए घोंसलों में ।
घुटते रहे हर दम ,
ज़िगर के होंसलों में ।
.. विवेक दुबे"निश्चल"@..
ज़िगर के होंसलों से ।
टूट जाते हैं सभी ,
टूटते घोंसलों से ।
सिमट कर अपने ,
बनाए घोंसलों में ।
घुटते रहे हर दम ,
ज़िगर के होंसलों में ।
.. विवेक दुबे"निश्चल"@..
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