चल चालें बदले हैं ।
कुछ मोहरें चलते है ।
राजा की चालों से ,
प्यादों को छलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
रहता है जो पीछे पीछे,
उस राजा को चलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
प्यादों की चालों पर ,
राजा को हम धरते हैं ।
चल चाल बदलते हैं ।
अश्व कहीं ऊंट कही ,
बजीर नही बदलते हैं ।
चल चाल बदलते हैं ।
प्यादों की सेना तक,
राजा लेकर चलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
.... *विवेक दुबे"निश्चल"* @.
Blog post 17/8/18
कुछ मोहरें चलते है ।
राजा की चालों से ,
प्यादों को छलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
रहता है जो पीछे पीछे,
उस राजा को चलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
प्यादों की चालों पर ,
राजा को हम धरते हैं ।
चल चाल बदलते हैं ।
अश्व कहीं ऊंट कही ,
बजीर नही बदलते हैं ।
चल चाल बदलते हैं ।
प्यादों की सेना तक,
राजा लेकर चलते है ।
चल चाल बदलते हैं ।
.... *विवेक दुबे"निश्चल"* @.
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