मंगलवार, 14 अगस्त 2018

पूर्व संध्या आज़ादी की

रात बड़ी उल्लास में ,
 लिये सुबह की आस ।
 भोर यहाँ लहरायगा ,
 राष्ट्रध्वज आकाश  ।
... 
धरा अपनी झूमेगी,
 झूमेगा आकाश ।
 फैलाएगा भानू भी ,
 झूम धवल प्रकाश।
... *विवेक दुबे"निश्चल"*@..

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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