सत्ता पाई ।
इच्छा आई ।
मद छाया ।
होश गवाया ।
जान बै चेन ।
उन्हें चैन ।
रातें काली ।
दिन काले ।
भूखे पेट ।
सूखे खेत ।
बातों की पंगत ।
बस खाओ भगत ।
निकालो न खोट ।
दो गुपचुप वोट ।
हम हैं मदहोश ।
फिर भी होश ।
नही , हैं बेहाल ,
आज के , हाल ।
देखो आज इनके ,
आंकड़ों का कमाल ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
इच्छा आई ।
मद छाया ।
होश गवाया ।
जान बै चेन ।
उन्हें चैन ।
रातें काली ।
दिन काले ।
भूखे पेट ।
सूखे खेत ।
बातों की पंगत ।
बस खाओ भगत ।
निकालो न खोट ।
दो गुपचुप वोट ।
हम हैं मदहोश ।
फिर भी होश ।
नही , हैं बेहाल ,
आज के , हाल ।
देखो आज इनके ,
आंकड़ों का कमाल ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें