यक्ष प्रश्न खड़ा है , यह एक आज भी ।
लगती क्यों बेटी , भार सी आज भी ।
प्यासी है क्यों बेटी , ममता दुलार की ,
देखी जाती क्यों,प्रतिकार सी आज भी ।
चुभती शूल बेटी को , क्यों आज भी ,
अपनो से ही , बार बार तृसकार की ।
मारी जाती है बार बार , जो कोख़ में ,
जो रचती हैं , चेतना इस संसार की ।
..... विवेक दुबे"निश्छल"@....
लगती क्यों बेटी , भार सी आज भी ।
प्यासी है क्यों बेटी , ममता दुलार की ,
देखी जाती क्यों,प्रतिकार सी आज भी ।
चुभती शूल बेटी को , क्यों आज भी ,
अपनो से ही , बार बार तृसकार की ।
मारी जाती है बार बार , जो कोख़ में ,
जो रचती हैं , चेतना इस संसार की ।
..... विवेक दुबे"निश्छल"@....
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