गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

नवधा भक्ति

  भक्ति के नौ प्रकार,
  कहें शास्त्र स-उपकार।
    श्रवण,कीर्तन,स्मरण,
               पाद सेवन,वंदन,
                    दास्य,साख्य,आत्मनिवेदन।
 सब नवधा भक्ति प्रकार ।

 1 श्रवण कर श्रद्धा सहित,
    अतृप्त निरन्तर मन भाव।

      2  
         कीर्तन कर मन मग्न भाव से,
          कर हरि लीला का गुण गान ।

  3 
    स्मरण कर हर पल प्रभु का,
    कर उसकी शक्ति महात्म्य विचार।

            4 
               आश्रय ले प्रभु चरणों मे,
               पाद सेवन सर्वस्य मान।

 5
      अर्चन कर मन वचन कर्म से,
      पवित्र भाव से प्रभु चरण पखार।

          6 
             वंदन सदा कर तू परमेश्वर का,
             कण कण प्रभु छवि निहार ।

7
    दास्य रहो सदा परमेश्वर के ,
   कृतार्थ भाव से मानो उपकार।

  8
     साख्य भाव से साझा समझ के,
    पाप पुण्य समर्पित निवेदित पुकार।

 9 
   आत्मनिवेदित मन से प्रभु चरणों मे,
    मिल परम् सत्ता से कर एकाकार।

           पा जाएगा तब तू हरि दर्शन,
          जन्म हुआ सार्थक साकार ।

    .....  विवेक दुबे"निश्चल"©....

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