जब भी दुनियाँ,
मुझे सताती है ।
माँ तू तब आज भी ,
पास मेरे चली आती है ।
आता है नजर पीठ पर ,
हाथ तेरा मुझे ,
आज भी तू ,
यूँ होंसला बढ़ाती है ।
डरता नही ज़माने से,
तेरी आहट ,
कदम से कदम मिलाती है ।
जीतता हूँ , हर जंग दुनियाँ से ,
तेरे नाम की ,
ताक़त मुझे जिताती है ।
माँ आज भी,...
... विवेक दुबे "निश्चल"@...
मुझे सताती है ।
माँ तू तब आज भी ,
पास मेरे चली आती है ।
आता है नजर पीठ पर ,
हाथ तेरा मुझे ,
आज भी तू ,
यूँ होंसला बढ़ाती है ।
डरता नही ज़माने से,
तेरी आहट ,
कदम से कदम मिलाती है ।
जीतता हूँ , हर जंग दुनियाँ से ,
तेरे नाम की ,
ताक़त मुझे जिताती है ।
माँ आज भी,...
... विवेक दुबे "निश्चल"@...
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