मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

बंजारों सी यादें

धडकनों को कसकातीं यदों।
 यह बंजारों सी मेरी यादें ।

 रात  साथ ख़्वाबों के ,
 सुबह बिसर जाती यादें ।

 रात तले फिर आतीं यादें ,
 मेरी यादों से टकरातीं यादें ।

 आतीं फिर आ जातीं यादें ,
 आकर फिर जातीं आतीं यादें ।

 यह बंजारों सी मेरी यादें ।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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