गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

कर इश्क अपने आप से

कर इश्क़ अपने आप से, 
 जी जरा अपने वास्ते ।
 भूल रुस्वाई दुनियाँ की ,
 छोड़ जरा गम के रास्ते ।
....
आज तुम मुस्कुरा दे जरा ।
 हँसने की बजह दे जरा ।
 झाँक दिल के आईने में ,
 तू अपना पता दे जरा  ।
...
 वो हुआ बे-पता मैं पता ढूंढता ।
 गुम हुआ कहाँ वो मकां ढूंढता ।
 था ऐतबार जिस साहिल पर  ,
 उस साहिल में मैं वफ़ा ढूंढता ।
.....
खोजता आस के सहारे से ।
 सम्हल न सका सम्हाले से ।
चलता रहा तलाश में जिसके ,
 वो मिले साँझ तले उजाले से।

 .... विवेक दुबे"निश्चल"@....

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