भटका अपने हालात में ।
खोया अपने आप में।
हार ही गया क्यों मैं ,
हर जीत के बाद में ।
वाद करता यही मैं ।
प्रतिवाद के बाद में ।
हारता ही क्यों हूँ ।
जीतता न आप में ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
खोया अपने आप में।
हार ही गया क्यों मैं ,
हर जीत के बाद में ।
वाद करता यही मैं ।
प्रतिवाद के बाद में ।
हारता ही क्यों हूँ ।
जीतता न आप में ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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