आज राजनीति के कमान से ,
जात,मज़हब तीर हटाने होंगे ।
राष्ट्र बचाना होगा इंसान जगाने होंगे ।
चलते एक राह,एक ही पथ सब ,
कदम कदम आज मिलाने होंगे ।
मुड़ते अपने अपने कदमों को ,
राष्ट्र भक्ति राहों पर लाने होंगे ।
राष्ट्र बचाना होगा,इंसान जगाने होंगे।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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