मिले तेरे मुक़द्दार से सब तुझे ।
मिला न जो मेरे मुक़द्दार से मुझे ।
अबसर को मौका-ऐ-असर बनाओ ।
याद रखो खुद को दुनिया भुलाओ ।
खुद को बार बार क्यों भूलता है वो ।
पल पल दिल-ऐ-हाल लिखता है जो।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
मिला न जो मेरे मुक़द्दार से मुझे ।
अबसर को मौका-ऐ-असर बनाओ ।
याद रखो खुद को दुनिया भुलाओ ।
खुद को बार बार क्यों भूलता है वो ।
पल पल दिल-ऐ-हाल लिखता है जो।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
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