यह रंग सुनहरे फ़ागुन के ।
धुँधले धुँधले बिन साजन के ।
टेसू फूले मन भावन से ।
झड़ते सूने आँगन में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के..
रंग प्रीत भरे पिचकारी में ।
चुप चाप खड़ी लाचारी में।
सूने नैना राह राह तकें।
रंग नही अब इन फागों में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के,......
तपता मन शीतल रातों में ,
चँदा चलता ज्यों अंगारों में ।
शीतल बसन्त बयारों में ,
तपतीं साँसे बस साँसों में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के....
..... विवेक दुबे "निश्चल"@......
धुँधले धुँधले बिन साजन के ।
टेसू फूले मन भावन से ।
झड़ते सूने आँगन में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के..
रंग प्रीत भरे पिचकारी में ।
चुप चाप खड़ी लाचारी में।
सूने नैना राह राह तकें।
रंग नही अब इन फागों में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के,......
तपता मन शीतल रातों में ,
चँदा चलता ज्यों अंगारों में ।
शीतल बसन्त बयारों में ,
तपतीं साँसे बस साँसों में ।
यह रंग सुनहरे फ़ागुन के....
..... विवेक दुबे "निश्चल"@......
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