*वंदना*
प्रातः वंदन प्रभु आशीष चाहिए ।
तुमसे बस इतनी सी भीख चाहिए ।
मिलता रहे प्रभु बल सम्बल हर दम ,
जीवन से पग पग एक सीख चाहिए ।
..... विवेक दुबे© ......
प्रातः वंदन प्रभु आशीष चाहिए ।
तुमसे बस इतनी सी भीख चाहिए ।
मिलता रहे प्रभु बल सम्बल हर दम ,
जीवन से पग पग एक सीख चाहिए ।
..... विवेक दुबे© ......
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