शब्द ही पहचान हो मेरी ।
बस एक यही तमन्ना हो मेरी ।
जीत लूं दिलों को,यही शान हो मेरी।
बाद अलविदा, कहने को जमाने से।
शब्दों में बसी जान हो मेरी ।
बस एक यही तमन्ना हो मेरी ।
....विवेक दुबे....
बस एक यही तमन्ना हो मेरी ।
जीत लूं दिलों को,यही शान हो मेरी।
बाद अलविदा, कहने को जमाने से।
शब्दों में बसी जान हो मेरी ।
बस एक यही तमन्ना हो मेरी ।
....विवेक दुबे....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें