मंजिल नही न कोई मुक़ाम मेरा ।
बस तन्हाई से ही बातें करता हूँ ।
वक़्त ज़ाया न हो दुनियाँ का,
अपनी बातें किताब करता हूँ।
... विवेक दुबे"निश्चल"©..
बस तन्हाई से ही बातें करता हूँ ।
वक़्त ज़ाया न हो दुनियाँ का,
अपनी बातें किताब करता हूँ।
... विवेक दुबे"निश्चल"©..
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