सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

अपना तो कहिए आप

हंसे तो इतना की ,
आंसू निकल पड़े .. .
नफरतो के बाज़ार में ,
लोग हमें खरीदने टूट पड़े....
मिल जायेंगे हर किसी को
हम मुफ्त में ही जनाब ....
बस इल्तिजा इतनी से है ,
हमें प्यार से ,,,
अपना तो कहिये आप ....
....विवेक दुबे....

कोई टिप्पणी नहीं:

कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...