हंसे तो इतना की ,
आंसू निकल पड़े .. .
नफरतो के बाज़ार में ,
लोग हमें खरीदने टूट पड़े....
मिल जायेंगे हर किसी को
हम मुफ्त में ही जनाब ....
बस इल्तिजा इतनी से है ,
हमें प्यार से ,,,
अपना तो कहिये आप ....
....विवेक दुबे....
आंसू निकल पड़े .. .
नफरतो के बाज़ार में ,
लोग हमें खरीदने टूट पड़े....
मिल जायेंगे हर किसी को
हम मुफ्त में ही जनाब ....
बस इल्तिजा इतनी से है ,
हमें प्यार से ,,,
अपना तो कहिये आप ....
....विवेक दुबे....
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