वो खमोशी के मंजर भी,
गहरे से हो जाते है ।
मेरे आँसू जब जब उसकी,
आँखों में आ जाते हैं ।
दर्द छुपे इस मन के ,
उन आँखों में छा जाते है ।
रिश्ते अन्तर्मन से ,
पुष्पित पूजित हो जाते हैं ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 3
गहरे से हो जाते है ।
मेरे आँसू जब जब उसकी,
आँखों में आ जाते हैं ।
दर्द छुपे इस मन के ,
उन आँखों में छा जाते है ।
रिश्ते अन्तर्मन से ,
पुष्पित पूजित हो जाते हैं ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 3
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