मत्ता छंद
222 211 112 2
गीतों में माँ ,तुम बस जाओ ।
ज्योती दीप्त , कलम जगाओ ।
आया माता ,निकट तुहारे ।
तू है दाता, तुमहि सहारे ।
दीनो की लाज झट बचाये ।
सारे ही कष्ट फट हटाये ।
माता तेरे गुन सब गायें ।
तेरी भक्ति जन जब पायें ।
दे दो माता सुफल सहारे ।
आया हूँ याचक बन द्वारे ।
दाता है तू जग जननी माँ ।
माया तेरी शिव कथनी माँ ।
दुर्गा हो आदि शिव शक्ति हो ।
चंडी माया हर हर भक्ति हो ।
तेरे ही रूप रचत माया ।
सारा प्रकाश जगत छाया ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6(18)
Blog post 15/10/18
222 211 112 2
गीतों में माँ ,तुम बस जाओ ।
ज्योती दीप्त , कलम जगाओ ।
आया माता ,निकट तुहारे ।
तू है दाता, तुमहि सहारे ।
दीनो की लाज झट बचाये ।
सारे ही कष्ट फट हटाये ।
माता तेरे गुन सब गायें ।
तेरी भक्ति जन जब पायें ।
दे दो माता सुफल सहारे ।
आया हूँ याचक बन द्वारे ।
दाता है तू जग जननी माँ ।
माया तेरी शिव कथनी माँ ।
दुर्गा हो आदि शिव शक्ति हो ।
चंडी माया हर हर भक्ति हो ।
तेरे ही रूप रचत माया ।
सारा प्रकाश जगत छाया ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6(18)
Blog post 15/10/18
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें