श्याम संग नाचत मन ।
राधिका सा बन ठन ।
मानत रूठ जात मन ।
मिलत छुपत जात मन ।
राधा सा बन जात मन ।
कान्हा में खो जात मन ।
कान्हा का हो जात मन ।
.... ....विवेक दुबे "निश्चल''...
राधिका सा बन ठन ।
मानत रूठ जात मन ।
मिलत छुपत जात मन ।
राधा सा बन जात मन ।
कान्हा में खो जात मन ।
कान्हा का हो जात मन ।
.... ....विवेक दुबे "निश्चल''...
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