ख़्वाबों सँग सजती रजनी ।
यादों सँग फबती रजनी ।
दूर सुबह ले चलती रजनी ।
साँझ तले फिर मिलती रजनी ।
बिछुड़ी फिर मिलती रजनी ,
स्वप्न सलोने गढ़ती रजनी ।
पल पल रंग बदलती रजनी ।
छलती बस छलती रजनी ।
आशाओं से पलती रजनी ।
अभिलाषाओं से पलटी रजनी ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@..
यादों सँग फबती रजनी ।
दूर सुबह ले चलती रजनी ।
साँझ तले फिर मिलती रजनी ।
बिछुड़ी फिर मिलती रजनी ,
स्वप्न सलोने गढ़ती रजनी ।
पल पल रंग बदलती रजनी ।
छलती बस छलती रजनी ।
आशाओं से पलती रजनी ।
अभिलाषाओं से पलटी रजनी ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें