बैचेनियाँ दिल निगाह उतार लाए हैं ।
लफ्ज़ बेजुवां आँख छलक आए हैं ।
..
माँगकर अश्क़ मेरे हँसी बाँटने आए है ।
वो हमें खुद से खुद यूँ काटने आए हैं ।
...
हाथ रंग गुलाल लाए हैं ।
निग़ाह मलाल लाए हैं।
रहे बेचैन आज हम ,
वो बहुत सवाल लाए हैं ।
...
धुल जाएगी रंगत शूलों की ,
टीस साथ निभाएगी ।
आती होली साल-दर-साल ,
होली फिर आएगी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
लफ्ज़ बेजुवां आँख छलक आए हैं ।
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माँगकर अश्क़ मेरे हँसी बाँटने आए है ।
वो हमें खुद से खुद यूँ काटने आए हैं ।
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हाथ रंग गुलाल लाए हैं ।
निग़ाह मलाल लाए हैं।
रहे बेचैन आज हम ,
वो बहुत सवाल लाए हैं ।
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धुल जाएगी रंगत शूलों की ,
टीस साथ निभाएगी ।
आती होली साल-दर-साल ,
होली फिर आएगी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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