बूझकर चराग़ अँधेरों के हो गए ।
हालात के तले अहसास हो गए ।
आँधियों से वो लड़े खूब मगर ,
रुख हालात के खास हो गए ।
जो उजाले थे एक मिसाल से ,
आज अँधेरों के वो साथ हो गए ।
वक़्त मेहरवां था या सितमगर ,
सवाल हर शख़्स के पास हो गए ।
न था सुबूत बेगुनाही का "निश्चल"
हालात से गुनाहगार हाथ हो गए ।
बूझकर चिराग अँधेरों के हो गए ।
हालात के तले अहसास हो गए ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
हालात के तले अहसास हो गए ।
आँधियों से वो लड़े खूब मगर ,
रुख हालात के खास हो गए ।
जो उजाले थे एक मिसाल से ,
आज अँधेरों के वो साथ हो गए ।
वक़्त मेहरवां था या सितमगर ,
सवाल हर शख़्स के पास हो गए ।
न था सुबूत बेगुनाही का "निश्चल"
हालात से गुनाहगार हाथ हो गए ।
बूझकर चिराग अँधेरों के हो गए ।
हालात के तले अहसास हो गए ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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