सोमवार, 19 मार्च 2018

इश्क़ शराब हुआ


 इश्क़ शराब हुआ,
            नशा बे-हिसाब हुआ ।
 मदहोश रिंद ,
            साक़ी बे-ऐतवार हुआ ।
 शब खो गई ,
           आग़ोश में शबनम के ,
 चाँद बे-बजह ,
            क्यों  दाग़दार हुआ ।
.. 

यह न शराब होती ,
          दुनियाँ न खराब होती ।
 होती न साक़ी  ,
      हसरतें न बे-हिसाब होतीं ।

 ... विवेक दुबे"निश्चल"@.....
.

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