...61
बैचेनियाँ दिल निगाह झलक लाए हैं ।
लफ्ज़ बेजुवां आँख छलक आए हैं ।
..62
माँगकर अश्क़ मेरे हँसी बाँटने आए है ।
वो हमें खुद से खुद यूँ काटने आए हैं ।
...63
ले हाथ रंग गुलाल ,
निग़ाह मलाल लाए हैं।
रहे बेचैन आज हम ,
वो बहुत सवाल लाए हैं ।
...64
धुल जाएगी रंगत शूलों की ,
टीस साथ निभाएगी ।
आती होली साल-दर-साल ,
होली फिर आएगी ।
....65
बेताब कदम मंजिल छूने को ।
जमीं बैचेन आसमां होने को ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
19/3/18
डायरी 3
बैचेनियाँ दिल निगाह झलक लाए हैं ।
लफ्ज़ बेजुवां आँख छलक आए हैं ।
..62
माँगकर अश्क़ मेरे हँसी बाँटने आए है ।
वो हमें खुद से खुद यूँ काटने आए हैं ।
...63
ले हाथ रंग गुलाल ,
निग़ाह मलाल लाए हैं।
रहे बेचैन आज हम ,
वो बहुत सवाल लाए हैं ।
...64
धुल जाएगी रंगत शूलों की ,
टीस साथ निभाएगी ।
आती होली साल-दर-साल ,
होली फिर आएगी ।
....65
बेताब कदम मंजिल छूने को ।
जमीं बैचेन आसमां होने को ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
19/3/18
डायरी 3
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