तू मेरी ग़जल को काफ़िया दे दे ।
तू मेरे हर शेर के रदीफ़ ले ले ।
लिखूं एक मक़्ता तेरे नाम से ,
शेर-ऐ-मतला में तू मुझे ले ले ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
तू मेरे हर शेर के रदीफ़ ले ले ।
लिखूं एक मक़्ता तेरे नाम से ,
शेर-ऐ-मतला में तू मुझे ले ले ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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