वेदना उसकी बड़ी भारी थी ।
जाने कैसी यह लाचारी थी ।
ख़ामोश सभा सद सभी क्यों,
लज़्ज़ित होती कृष्णा बेचारी थी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी3
जाने कैसी यह लाचारी थी ।
ख़ामोश सभा सद सभी क्यों,
लज़्ज़ित होती कृष्णा बेचारी थी ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी3
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