नाख़ुदा नही कश्ती ही सही ।
साहिल नही दरिया ही सही ।
"निश्चल" तलाश में जिसकी,
मंजिल नही सफ़र ही सही ।
रास्ता डगर डगर ही सही ।
सफर राफ्ता राफ्ता ही सही।
न छोड़ पीछा मंजिल का ,
पा जाएगा बाद में ही सही ।
...
रास्ता बदल रहा वो धीरे धीरे ।
मिल रहे नए मुसाफ़िर धीरे धीरे ।
चलता है वो अब सम्हल सम्हल,
ले जाएं ये अब मंजिल तक धीरे धीरे ।
...
भागो न परिस्थिति से ।
भाग लो परिस्थिति में ।
स्थिति न बदलो बार बार ,
स्थिर रहो हर स्थिति में ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@...
साहिल नही दरिया ही सही ।
"निश्चल" तलाश में जिसकी,
मंजिल नही सफ़र ही सही ।
रास्ता डगर डगर ही सही ।
सफर राफ्ता राफ्ता ही सही।
न छोड़ पीछा मंजिल का ,
पा जाएगा बाद में ही सही ।
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रास्ता बदल रहा वो धीरे धीरे ।
मिल रहे नए मुसाफ़िर धीरे धीरे ।
चलता है वो अब सम्हल सम्हल,
ले जाएं ये अब मंजिल तक धीरे धीरे ।
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भागो न परिस्थिति से ।
भाग लो परिस्थिति में ।
स्थिति न बदलो बार बार ,
स्थिर रहो हर स्थिति में ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@...
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